अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायर होने के बाद भी MS Dhoni क्यों नहीं खेल रहे Legend's League? वजह हैरान कर देगी
दरअसल इसकी वजह भी आईपीएल ही है, दरअसल धोनी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से तो सन्यास ले चुके हैं मगर आईपीएल में अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स को अब तक अलविदा नहीं कहा है
भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान रहे हैं महेंद्र सिंह धौनी 2019 में सन्यास लेने के बाद से ही लोग धोनी को खेलते देखने के लिए आईपीएल का इंतजार करते हैं ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि लेजेंड्स T–20 लीग में महेंद्र सिंह धौनी क्यों नहीं खेल रहे?
T–20 क्रिकेट का खुमार कुछ सालों से सर चढ़कर बोल रहा है और ऐसे में हर वह खिलाड़ी को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले चुका है वह लेजेंड्स क्रिकेट में अपना दम दिखाता है जिसमे दुनिया के सारे क्रिकेट दिग्गज जो रिटायर हो चुके हैं वह आकर खेलते हैं। मगर महेंद्र सिंह धौनी जैसे दिग्गज खिलाड़ी जो कि 2020 में ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं वह इस लीग में क्यों नहीं उतरते?
आखिर क्यों धोनी नहीं खेलते हैं Legend's League?
दरअसल इसकी वजह भी आईपीएल ही है, दरअसल धोनी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से तो सन्यास ले चुके हैं मगर आईपीएल में अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स को अब तक अलविदा नहीं कहा है और अब तो इस बात की भी घोषणा हो चुकी है कि धोनी ही 2023 में सीएसके के कप्तान होंगे। ऐसे में बीसीसीआई के नियमों के मुताबिक जब तक कोई भी खिलाड़ी बीसीसीआई के कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर है तब तक वो बाहर की किसी लीग में हिस्सा नहीं ले सकता।
ताज़ा मामला सुरेश रैना का ही ले लीजिए आईपीएल से सन्यास लेने के साथ ही वह लेजेंड्स लीग खेलने चल पड़े। रोबिन उथप्पा भी अभी अभी संन्यासी हो चुके हैं और अब उनको इस बात की छूट है कि वह बिग बैश लीग या फिर किसी भी अन्य लीग का हिस्सा बन सकते हैं।
महेंद्र सिंह धौनी भले ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट ना खेल रहे हों और साल में एक बार सिर्फ आईपीएल के वक्त मैदान में नजर आते हों मगर उनका होना ही फैंस के लिए तसल्ली की बात है और इस ही लिए धोनी आज भी आईपीएल का चेहरा माने जाते हैं आईपीएल के एडवरटाइजमेंट आज भी महेंद्र सिंह धौनी के बिना अधूरे हैं।
ऐसे में धोनी जहां भी जाएंगे फैंस का एक बड़ा हुजूम उनको देखने वहां पहुंच जाएगा तो अगर महेंद्र सिंह धौनी आईपीएल 2023 के बाद लेजेंड्स क्रिकेट लीग ज्वाइन करते हैं तो यह उनके फैंस के लिए एक राहत की खबर साबित हो सकती है और साथ ही साथ प्रबंधकों के लिए भी।