कभी ऑस्ट्रेलिया तो कभी न्यूजीलैंड, ये 5 खिलाड़ी दो देशो के तरफ से खेल चुके हे क्रिकेट, देखे लिस्ट

 

अगर बात करें विश्व में सबसे ज्यादा खेले जाने वाले मुकाबले की तो T20 उसमें से एक है। क्योंकि क्रिकेट प्रेमी इसे देखना पसंद करते हैं। छोटे समय तक चलने वाले मैच में उन्हें फुल ऑन इंटरटेनमेंट मिल जाता है।

आजकल दुनिया भर में T20 का क्रेज बढ़ गया है। अगर बात करें विश्व में सबसे ज्यादा खेले जाने वाले मुकाबले की तो T20 उसमें से एक है। क्योंकि क्रिकेट प्रेमी इसे देखना पसंद करते हैं। छोटे समय तक चलने वाले मैच में उन्हें फुल ऑन इंटरटेनमेंट मिल जाता है। इसी कारण नए राष्ट्र भी इस खेल को अपना रहे हैं। जिससे खिलाड़ियों के पास राष्ट्र बदलकर खेलने का अवसर भी प्राप्त है। असल में नियम के मुताबिक अगर कोई खिलाड़ी दूसरे राष्ट्रीय से खेलना चाहता है। तो वो खेल सकता है और अपनी प्रतिभा दिखा सकता है। ऐसे में कई सारे नए खिलाड़ी जिनके पास प्रतिभा है। वो अपनी टीम के प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं हो पाते वो दूसरे अंतरराष्ट्रीय टीम के लिए खेल सकते हैं। अगर वो राष्ट्रीय की नागरिकता ले लेते हैं तो आईसीसी उन्हें ऐसा करने की इजाजत देता है। ऐसा करने के पीछे खिलाड़ियों का ये मकसद होता है कि वो लगातार आईसीसी के मंचन में खेलने का अवसर मिलता रहे। आज हम आपको ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2 टीमों का हिस्सा रहे हैं।

ये है वो पांच खिलाड़ी:

1. एड जॉयस:

जॉयस दुनिया के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने दो अंतरराष्ट्रीय टीमों के लिए क्रिकेट खेला है। आइलैंड में जन्म लेने वाले जॉयस का घरेलू प्रदर्शन काफी सराहनीय था। इसको देखते हुए उन्होंने ये निर्णय लिया की वो इंग्लैंड की तरफ से खेलेंगे जॉयस ने अपने इरादे साफ कर दिए थे। 2006 में उन्हें इंग्लैंड की तरफ से खेलने का मौका मिला और 2007, विश्वकप में वो इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। हालांकि जब वो फॉर्म मे नहीं थे। तो इंग्लैंड के चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया। तब उन्होंने अपनी जन्मभूमि आयरलैंड की तरफ से खेलने का निर्णय लिया 1 साल बाद उन्होंने आईलैंड की तरफ से अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया और आईलैंड की तरफ से कुल 16 मुकाबले खेले 2011 विश्व कप में वो आईलैंड का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

2. ल्यूक रोंची:

ल्यूक रोंची का जन्म न्यूजीलैंड में 23 अप्रैल 1981 को हुआ। बचपन में ही उनका परिवार ऑस्ट्रेलिया चला गया था। ऑस्ट्रेलिया में घरेलू क्रिकेट मैं उनका प्रदर्शन काफी सराहनीय था। राइट हैंड बैट्समैन और विकेटकीपर की भूमिका वाला ये प्लेयर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 2008 में डेब्यू किया लेकिन विकेटकीपर बेस्ट मैन होने के कारण उन्हें मौके कम मिले। क्योंकि चयनकर्ताओं के पास और विकल्प मौजूद थे लिंक रोची ने जब ये देखा की उन्हें मौके कम मिल रहे हैं। तब उन्होंने यह निर्णय लिया कि वो अपनी जन्मभूमि न्यूजीलैंड की तरफ से खेलेंगे और 2013 में उन्होंने न्यूजीलैंड के तरफ से अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। 2015 विश्वकप में वो न्यूजीलैंड का साबिर है जिसमें न्यूजीलैंड फाइनल तक पहुंची थी।

3. डिर्क नैनेस:

ऑस्ट्रेलिया में जन्मा यह खिलाड़ी ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 2009 मे नीदरलैंड की तरफ से किया था। माता पिता के कारण वो नीदरलैंड की नागरिकता लेने में सक्षम थे। डिर्क नैनेस का प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी सराहनीय था लेकिन कहते हैं ना की आपकी टीम तभी अच्छी होती है जब टीम का हर खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करें। नीदरलैंड में अनुभवी खिलाड़ियों की संख्या कम थी जिसके कारण डिर्क नैनेस को वो प्रशंसा नहीं मिल पा रही थी। जिसके वो हकदार थे इसी कारण उन्होंने ये निर्णय लिया कि वो अपनी जन्मभूमि ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलेंगे। 2009, T20 वर्ल्ड कप में वो नीदरलैंड का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। 2009 में ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के तरफ से डेब्यू किया। अगले ही साल T20 में विश्व के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में टॉप पर रहे। उन्होंने लगभग 13.07 कि इकॉनमी से 14 विकेट लटके।

4. रूईलुफ मार्वे:

दक्षिण अफ्रीका में जन्मा ये खिलाड़ी चर्चा का विषय तब बना जब आईपीएल के शुरुआती सीजन में वो आरसीबी का हिस्सा था। ऑलराउंडर की भूमिका निभाने वाले इस खिलाड़ी ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू अपनी जन्मभूमि दक्षिण अफ्रीका की तरफ से किया। लेकिन मौके ना मिलने के कारण उन्होंने ये निर्णय किया की वो नीदरलैंड की तरफ से खेलेंगे। वो नीदरलैंड के लिए रवाना हो गए सारे नियमों को पूरा करने के बाद उन्हें नीदरलैंड की नागरिकता मिली। 2015 में नीदरलैंड की तरफ से अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। लेकिन जब वो रूलोफ डच संगठन का हिस्सा बने तो उन्होंने अपने क्रिकेट करियर पर ध्यान देना छोड़ दिया।

5. हेडन वॉल्श जूनियर:

हेडन का जन्म ऑस्ट्रेलिया में 1992 को हुआ था। पिता वेस्टइंडीज की घरेलू क्रिकेट का हिस्सा रह चुके थे। जिस वजह से उनकी दिलचस्पी भी बचपन से क्रिकेट मैच थी। ऑस्ट्रेलिया में जन्म लेने के कारण उन्हें वहां की नागरिकता मिल गई। उन्होंने 2018 में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से अपना पहला अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। चयनकर्ताओं के पास विकल्प ज्यादा होने के कारण उन्हें मौके कम मिले। तब उन्होंने यह निर्णय लिया कि वो अपने पिता की जन्मभूमि वेस्टइंडीज की तरफ से खेलेंगे। एक साल बाद ही उन्होंने वेस्टइंडीज की तरफ से अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया।