वो 4 भारतीय महान खिलाडी जिन्हे अपमान के साथ सन्यास की घोषणा करनी पड़ी, देखे लिस्ट

 

2011 विश्व कप में अहम् भूमिका निभाने वाले खिलाड़ियों को अचानक से सन्यास की घोषण करनी पड़ी। इस लिस्ट में सबसे पहले वीरेंदर सहवाग और गौतम गंभीर का नाम लिया जाता है। आइये जानते है किन खिलाडियों को अचानक सन्यास की घोषणा करनी पड़ी।

महेंद्र सिंह धोनी:

महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारतीय टीम ने T20 वर्ल्ड कप 2007 आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 और चैंपियंस ट्रॉफी 2013 का खिताब जीता था। इसके अलावा वर्ल्ड कप 2015 और T20 वर्ल्ड कप 2016 में उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर भी तय किया था। वर्ल्ड कप 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में उनके रन आउट होने के बाद भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था।

इसके बाद चयनकर्ताओं ने कैप्टन कूल को कभी अंतराष्ट्रीय मैच खेलने की इजाजत नहीं दी। अंत में लम्बे समय के इंतजार के बाद उन्होंने साल 2020 में सभी अंतराष्ट्रीय मैचों से सन्यास की घोषणा कर दी। हालाँकि अभी भी वे चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से कप्तानी करते नजर आते हैं।

वीरेंदर सहवाग:

साल 2013  चैंपियंस ट्रॉफी में वीरेंदर सहवाग की जगह रोहित शर्मा को उतारा गया। इसी के बाद सहवाग की कभी अंतराष्ट्रीय मैचों में वापसी नहीं हो पाई, वीरेंद्र सहवाग को एक सम्मानजनक विदाई देनी चाहिए थी। क्योंकि उन्होंने भारत के लिए कई ट्रॉफी जीतने में अहम् रोल निभाया है। साथ टेस्ट क्रिकेट में 2 बार तिहरा शतक ठोकने वाले एकलौते भारतीय खिलाडी हैं। अंत में वीरेंदर सहवाग ने साल 2015 में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था।

गौतम गंभीर:

T20 वर्ल्ड कप 2007 और आईसीसी वर्ल्ड कप 20011 के फाइनल मुकाबले में सबसे अधिक रन बनाकर भारत की जीत में बड़ा योगदान देने वाले गौतम गंभीर को अचानक से टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। हालाँकि उन्हें एक बार फिर 2016 में मौका दिया गया लेकिन वे उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा, इसलिए उन्हें फिर कभी मौका नहीं दिया गया।  2016 में उन्होंने दिल्ली की ओर से आंध्र प्रदेश के खिलाफ अपना आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच खेला था तब उन्हें दोनों टीम के खिलाड़ियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर मिला था।

राहुल द्रविड़:

राहुल द्रविड़ का नाम भारतीय टीम के सफल कप्तानों में लिया जाता है। राहुल द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट में 13,288 और वनडे क्रिकेट में 10,889 रन बनाए हैं। द्रविड़ के नाम बतौर फील्डर टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक कैच (210) लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है। द्रविड़ ने अपना आखरी टेस्ट क्रिकेट मैच 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था जिसमे इनका  प्रदर्शन काफी निराशाजनक था। जिसके बाद राहुल द्रविड़ में सन्यास का ऐलान कर दिया था।